राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की संभावना अगर BMC (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनाव में साकार होती है, तो इसका राजनीतिक प्रभाव बड़ा होगा। यह गठबंधन मुंबई की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ ला सकता है। आइए समझते हैं कि इस संभावित गठबंधन से सबसे ज़्यादा फायदा किसे होगा, और इसके पीछे की रणनीति क्या हो सकती है।

1. सबसे बड़ा फायदा: उद्धव ठाकरे (शिवसेना – UBT) को होगा
कारण:
- उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को पिछले कुछ वर्षों में शिंदे गुट और भाजपा से टक्कर मिल रही है।
- राज ठाकरे का मराठी वोट बैंक, विशेषकर कोर मराठी मध्यवर्ग और युवा वर्ग में अब भी प्रभावशाली है।
- दोनों नेताओं का एक होना विभाजित मराठी वोटों को एकजुट कर सकता है।
- इससे उद्धव ठाकरे की शिवसेना को क्लीन स्वीप का मौका मिल सकता है, खासकर दक्षिण-मध्य मुंबई, दादर, माहिम, परेल, घाटकोपर जैसे इलाकों में।
2. भाजपा और शिंदे गुट को नुकसान होगा
कारण:
- अभी तक भाजपा और शिंदे गुट की ताकत यह रही है कि मराठी वोट बंटा हुआ था — एक हिस्सा भाजपा/शिंदे के साथ, और बाकी उद्धव के साथ।
- अगर राज और उद्धव साथ आते हैं, तो यह वोट बँटना बंद हो जाएगा।
- इससे भाजपा और शिंदे गुट की सीटें घट सकती हैं, खासकर उन वार्डों में जहाँ मुकाबला करीबी है।
3. MNS (राज ठाकरे) को पहचान और पुनरुद्धार मिलेगा
कारण:
- पिछले कुछ सालों में MNS की राजनीतिक पकड़ कमजोर हुई है।
- अगर राज ठाकरे उद्धव के साथ आते हैं, तो उन्हें राजनीतिक पुनरुत्थान का मौका मिलेगा, भले ही उनकी पार्टी को अलग से ज्यादा सीटें न मिलें।
- इससे वे भाजपा और शिंदे गुट के विरोधी मराठी मतदाताओं के नायक के रूप में फिर से उभर सकते हैं।
राजनीतिक समीकरण पर असर:
घटक | प्रभाव |
---|---|
शिवसेना (UBT) | ✅ मराठी वोट कंसोलिडेशन, भाजपा पर बढ़त |
MNS (राज ठाकरे) | ✅ राजनीतिक वापसी, मार्मिक मुद्दों पर प्रासंगिकता |
भाजपा | ❌ हिंदू वोट बेस पर चोट, कोर मराठी इलाकों में नुकसान |
शिंदे गुट | ❌ उद्धव-राज गठबंधन से सीधा नुकसान, पहचान संकट |
BMC चुनाव में ये गठबंधन क्या ला सकता है?
- मराठी अस्मिता कार्ड और मुंबई का ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ विमर्श तेज़ हो सकता है।
- उत्तर भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा को नई रणनीति बनानी पड़ेगी।
- मुस्लिम, दलित और अल्पसंख्यक वोट जो कांग्रेस-एनसीपी के पास थे, वह भी इस गठबंधन की तरफ झुक सकते हैं यदि यह सेक्युलर अपील बनाए रखता है।
निष्कर्ष:
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने से सबसे अधिक फायदा उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT) को होगा।
- यह गठबंधन मराठी वोट बैंक को एकजुट करेगा,
- भाजपा-शिंदे को कमजोर करेगा,
- और MNS को एक नई पहचान दिलाएगा।
अगर यह गठबंधन चुनाव से पहले सही समय पर घोषणा करता है, तो BMC चुनाव में सत्ता वापसी की राह उद्धव ठाकरे के लिए मजबूत हो सकती है।